Friday 10 October 2014

वा भाई वा... / जयप्रकाश त्रिपाठी

कैलाश सत्यार्थी को शांति का नोबल पुरस्कार, इसी बहाने दुनिया भर में गांधीवाद की दुंदभी, और इधर मुलुक में हालात की सब जगह सच्चाई ऐसी, किस पर करें गुमान, किसे कोसें, दुत्कारें, जमीनी हकीकत सबको पता, होटलों पर छोटुओं की कतारें, ईंट भट्टों से खेत-खलिहान तक करोड़ों नौनिहाल चंगुल में, शांति कहां है, राम जानें...और नोबल देने वाले, लेने वाले....



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