Thursday 26 March 2015

फेसबुक पर हारजीत का बुखार

(चित्र में धोनी के घर के बाहर पुलिस)
दिनेशराय द्विवेदी लिखते हैं- जब से भारतीय टीम ने क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमी फाइनल में प्रवेश पाया तभी से कानों कान चर्चा थी कि 26 मार्च 2015 सेमीफाइनल के दिन शहर की अदालतों में काम होगा या नहीं। यदि उस दिन भी वकीलों को काम करना पड़ा तो वे दुनिया के इस अप्रतिम क्रिकेट मैच का जीवित आनन्द कैसे प्राप्त कर सकेंगे। सेमीफाइनल की पूर्व संध्या जब मुंशी वकील साहब के दफ्तर पहुँचा तो उस ने बताया कि कुछ वकीलों में आज चर्चा तो थी कि कल कोई न कोई जुगत ऐसी जरूर होनी चाहिए कि अदालतों में काम न करना पड़े। सेमीफाइनल के दिन सुबह जब अखबार लोगों के घर पहुँचे तो उस में खबर थी कि पिछले एक माह से एक रुपए वाले कोर्ट फीस टिकट ट्रेजरी और कोर्टफीस वेंडरों के पास न होने से दो रुपए का टिकट लगाना पड़ रहा है इस से मुवक्किलों को दुगनी कोर्टफीस देनी पड़ रही है। वकील ये अन्याय सहन नहीं कर सकते इस कारण वे 26.03.2015 को हड़ताल पर रहेंगे।
अनामिशरण बबल लिखते हैं - भारत से ज्यादा रो रहा है अॉस्ट्रेलिया। जीत की उम्मीद करना ही बेकार था,। पर फाईनल में भारत के न होने से अॉस्ट्रेलिया न्यूजीलैंड का पर्यटन उधोग रो रहा है। अभी तक मेलबोर्न के नाना प्रकार के होटलों मे रहने के लिए करीब 25 हजार लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसल करा दी..। और लगभग 18 हजार लोग अपनी एयर टिकट को कैंसल करा चुके है । यह संख्या करीब 40 हजार तक जाएगीय़। भारत से ज्यादा तो रो रहा है सीए यानी क्रिकेट अॉस्ट्रेलिया बेचारा औरवहां के व्यवसायी जो मोटी कमाई की आस में हताश हो गए। भारत के फाईनल में नहीं पहुंचने से मोटा मोटामोटीकरीब 15 हजार करोड के व्यवसाय लाभ एकाेक नुकसान में चला गया। जय हो इंडिया वाले धोनी भईया तेरी जय हो और कीर्ति की क्षय हो।
त्रिलोचन शास्त्री ने लिखा - प्राणायाम करने से क्रिकेट जीता जा सकता तो रामदेव कब के अपनी टीम बना चुके होते : स्वदेशी।
प्रदीप श्रीवास्तव की टिप्पणी थी सचित्र - यह तस्‍वीर रांची स्थित धोनी के घर के बाहर की है। आस्‍टेलिया से हारते ही धोनी के घर के बहर पुलिस की तैनाती कर दी गई ताकि लोग यहां तोडफोड न कर सकें। इस हार से हर कोई दुखी है लेकिन एक हार से किसी हीरो को विलेन कैसे बनाया जा सकता है। धोनी की अगुवाई में हमने विश्व कप, टी 20 कप जीता, टेस्ट में नंबर 1 बने और न जाने कितनी ऐतिहासिक जीतें हुईं। धोनी ने भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुंचाया। ..... और आज भी जब हमारे खिलाडी एक एक कर पेवेलियन लौट रहे थे तो धोनी ने ही पारी को संभालने की कोशिश की। एक हार से हम धोनी की सौ जीत को नहीं भुला सकते। यह फोटो हमें शर्मिंदा कर रही है !!!!!!!!! देश को शर्मिंदा कर रही है!!!!!!!!!
शंभुनाथ शुक्ला ने लिखा - हार गए तो क्या हुआ पाकिस्तान से तो आगे रहे। यूं भी यह ससुरा किरकिट हमारा खेल तो है नहीं गोरों का है उन्हीं को मुबारक।

3 comments:

  1. बढ़िय लेख. दोनों अपना काम बखूबी कर रहे हैं, रांची का एक सपुत विदेश में और रांची के कपुत अपने परिवेश में !!!

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  2. जी, विश्वमोहन जी, आपने सही कहा

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  3. जी, विश्वमोहन जी, आपने सही कहा

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