Monday 6 April 2015

‘इण्डियाज डॉटर’ जैसी डॉक्यूमेन्ट्रीज पर जब तक बैन लगता रहेगा, ‘माय च्वाइस’ जैसी शॉर्ट फिल्में आती रहेंगी / मैत्रेयी पुष्पा

जयपुर में एंटरटेनमेन्ट नेक्सजेन की ओर से ‘इंटरनेशनल वीमन जर्नलिस्ट डे’ पर कानोडिया गर्ल्स कॉलेज में पांच महिला पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कथाकार मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि जब तक निर्भया काण्ड पर आधारित ‘इण्डियाज डॉटर’ जैसी डॉक्यूमेन्ट्रीज पर बैन लगता रहेगा, तब तक दीपिका पादुकोण की ‘माय च्वाइस’ जैसी शॉर्ट फिल्में आती रहेंगी। इण्डियाज डॉटर पर लगाई गई सरकारी रोक पुरूषवादी सोच का एक षड़यन्त्र है। जब तक एक बलात्कारी की मानसिकता को आमजन के सामने नहीं लाया जाएगा, तब तक निर्भया काण्ड जैसी घटनाओं पर पूरी तरह रोकथाम समाज के लिए संभव नहीं।
महिला पत्रकारिता की स्थिति पर लेखिका मैत्रेयी पुष्पा ने कहा कि मेरे विचार में पत्रकारिता उसी प्रकार है जैसे कि किसी सिपाही का रणक्षेत्र में जाना। आज महिलाएं पत्रकारिता के कई क्षेत्रों में सक्रिय हैं, लेकिन आज भी पत्रकारिता में ग्रामीण महिलाओं की स्थिति कहीं नजर नहीं आती। उन्होंने कहा कि महिला पत्रकार शहर की सड़कों को ही नहीं देखें, बल्कि गांव की डगर भी खोजें, तभी उन्हें असली भारत की सच्ची तस्वीर नजर आएगी और वे सही मायने में पत्रकारिता को नये आयाम दे पाएंगीं। अपने वक्तव्य में मैत्रेयी पुष्पा ने पत्रकारिता में अंग्रेजी तथा द्विअर्थी शब्दों के अधिक उपयोग पर भी विचार रखे।
उन्होंने कहा कि विदेश फिल्मों तथा टीवी कॉमर्शियल्स के जरिए अब ऐसी सामग्री अखबारों और न्यूज चैनलों पर भी प्रकाशित-प्रसारित हो रही है, जिसे रोकने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिन्दी के प्रसार के लिए शुरूआत अपने घर से होनी चाहिए क्योंकि अंग्रेजी रोजगार के लिए आवष्यक भाषा हो सकती है, जीवन के लिए नहीं। इस टॉक शो के दौरान मैत्रेयी पुष्पा के साथ पत्रकार अमृता मौर्या ने संवाद किया।
इस अवसर पर फीचर लेखन के लिए वर्षा भम्भाणी मिर्जा, फोटो पत्रकारिता के लिए मोलिना खिमानी, उर्दू पत्रकारिता के लिए जीनत कैफी, टीवी पत्रकारिता के लिए राखी जैन तथा महिला लेखन व रिपोर्टिंग के लिए लता खण्डेलवाल को ‘‘नेक्सजेन वीमन जर्नलिस्ट अवॉर्ड’’ से नवाजा गया। सम्मान स्वरूप उन्हें शॉल ओढ़ाकर स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए। 

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