Saturday 4 April 2015

मीडिया गुरुओं के सम्मेलन में अंतिम दिन सोशल मीडिया की गूंज

जयपुर विश्वविद्यालय में मीडिया गुरुओं के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के आखिरी दिन वरिष्ठ टीवी पत्रकार विजय विद्रोही ने कहा कि न्यू मीडिया हमारे जैसे पत्रकारों के लिए चुनौती है, पत्रकारिता संस्थानों को ट्यूटर और फेसबुक पर खबर लिखवाना भी सिखाना चाहिए। चाहे ओसामा बिन लादेन के मरने की खबर हो, चाहे जापान में आई भारी सुनामी की खबर हो, ये सभी खबरें सबसे पहले सोशल मीडिया पर ही ब्रेक हुई थी। सोशल मीडिया से आज चुनाव तक जीते जा रहे हैं।
विद्रोही ने कहा कि आज देश में पिछले आठ महीने से मुख्य सूचना आयुक्त नहीं है और प्रधानमंत्री सहित पूरी सरकार ये दावा करती है कि हम सूचना के अधिकार के पक्षधर हैं। आज खबर के लिए सिर्फ टीवी चैनल या अखबार ही स्त्रोत नहीं है। मोबाइल, टैबलेट पर खबर पढ़ना और शेयर करना नई पीढ़ी का शगल बन गया है।
समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि के कुलपति सनी सबेस्टियन ने कहा कि पिछले दशक में मीडिया में काफी परिवर्तन आया है। साथ ही मीडिया शिक्षा की ओर भी रूझान बढ़ा है। अनेक विश्वविद्यालयों में इस पाठ्यक्रम को प्राथमिकता से देखा जा रहा है। उन्होंने ‘सूचना का अधिकार’ की शुरूआत और उससे जुड़े पत्रकारों को याद किया और कहा कि इस कानून का बनाने का गौरव राजस्थान को प्राप्त है। बकौल सबेस्टियन अगली बार ऐसी कांफ्रेस में मीडिया शिक्षा पर ज्यादा चर्चा होनी चाहिए, बजाय मीडिया के।
इस मौके पर केंद्रीय सूचना आयुक्त प्रो. एम. श्रीधर आचार्युलू ने कहा कि हर संस्थान में मीडिया कानूनों पर अलग से एक पेपर होना चाहिए, साथ ही मीडिया कानूनों पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न छोटे-छोटे आंदोलनों का उदाहरण देते हुए समझाया कि किस प्रकार मीडिया, कॉर्पोरेट घरानों से संचालित होने के बावजूद भी समाज को नई दिशा दे सकता है। उन्होंने कहा कि समाजिक सरोकारों के लिए सिर्फ मीडिया ही नहीं आम आदमी को भी सवाल उठाने का हक है।
कार्यक्रम में एमिटी विवि, मुंबई के डीन प्रो. उज्जवल चैधरी ने कहा कि आज मीडिया डिग्रीयों के अलग-अलग हैं, जो देश भर के मीडिया शिक्षण पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा कि आज मीडिया शिक्षा और मीडिया उद्योग को करीब लाने की जरूरत है। मीडिया का शिक्षण बदल रही मीडिया प्रौद्योगिकी की संगति के साथ मेल करे और उनमें एक-दूसरे के क्षेत्रों में काम करने के अवसर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए।
इस अवसर पर मणिपाल यूनिवर्सिटी के कुलपति संदीप संचेती ने कहा कि मीडिया शिक्षा की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए शिक्षण पद्धति और पाठ्यक्रम में अपेक्षित बदलाव की जरूरत है।
यूनिसेफ के सलाहकार के बी कोठारी ने स्वयंसेवी संगठन और मीडिया की समाज में भूमिका पर बल देते हुए मीडिया शिक्षा में भी तालमेल होने की आवश्यकता जताई।
समारोह के समापन पर देशभर से आए मीडिया शिक्षकों की मौजूदगी में जयपुर मीडिया संकल्प जारी किया गया। जिसमें मीडिया की तेज गति के कारण प्रभावित होने पर चर्चा करते हुए उसमें मूल्य चेतना की आवश्यकता जताई। साथ ही मीडिया शिक्षा में सैद्धांतिक और व्यवहारिक पक्षों पर बराबर ध्यान देने की जरूरत जताई। इसके अलावा मीडिया की सकारात्मक भूमिका और आज के दौर में मीडिया में आ रहे परिवर्तन पर सुझाव आमंत्रित किए गए हैं।

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