Monday 9 March 2015

नेशनल बुक ट्रस्ट के चैयरमेन बने बल्देव भाई शर्मा

मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी से बल्देव भाई शर्मा को नेशनल बुक ट्रस्ट (राष्ट्रीय पुस्तक न्यास) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। उन्होंने राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व के मुद्दों पर सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं के लिए लेखन किया है। वे विभिन्न हिंदी समाचार चैनलों पर राजनीतिक व सामाजिक विषयों पर होने वाले विमर्शों के चर्चित चेहरे हैं। वे आकाशवाणी से विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। वह कई एक सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हैं। पहली बार आधुनिक मीडिया में शीर्ष पदों पर रहे पत्रकारिता के लंबे अनुभवों से संपन्न किसी व्यक्ति को न्यास का सबसे प्रमुख पदभार सौंपा गया है।
उल्लेखनीय है कि बल्देव शर्मा के कार्यशील अतीत का बड़ा हिस्सा मीडिया की मुख्यधारा में शीर्ष पदों पर संपादक के रूप में व्यतीत हुआ है। संपादक के रूप में उन्होंने सबसे पहले मध्यप्रदेश के हिंदी दैनिक स्वदेश (ग्वालियर) में वर्ष 1981 से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वर्ष 1989 से 1995 (सात वर्ष) तक स्वदेश, रायपुर संस्करण के संपादक रहे। वर्ष 1999 से वर्ष 2000 (दो वर्ष) तक हिंदी दैनिक भास्कर , वर्ष 2001 से वर्ष 2009 (नौ वर्ष) तक अमर उजाला वाराणसी, नोएडा आदि के, कई वर्षों तक 'पांचजन्य' के, उसके बाद नेशनल बुक ट्रस्ट के शीर्ष पद पर नवनियुक्ति-पूर्व तक दिल्ली में हिंदी दैनिक नेशनल दुनिया के संपादक रहे हैं।    
अब पहली बार हिंदी का कोई संपादक नेशनल बुक ट्रस्ट जैसे विशाल संगठन का अध्यक्ष बने तो पत्रकारिता ही नहीं, पूरे हिंदी जगत के लिए ये गर्व की बात मानी जा रही है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। इससे पहले अंग्रेजी के कई लेखक इस प्रख्यात ट्रस्ट के अध्यक्ष रहे हैं। मीडिया में शीर्ष पदों पर रहते हुए अपने व्यापक अनुभवों के नाते बल्देव भाई शर्मा के अध्यक्ष बनने से हिंदी ही नहीं, अन्य भारतीय भाषाओं को भी मजबूती मिलने की संभावना है।
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत (एनबीटी), सन् 1957 में भारत सरकार (उच्चतर शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय) द्वारा स्थापित एक शीर्ष निकाय है। एनबीटी का उद्देश्य हिंदी, अँग्रेजी तथा अन्य कई भारतीय भाषाओं में उच्च कोटि के साहित्य का प्रकाशन और पुस्तकों के प्रोन्नयन को प्रोत्साहित करना, ऐसा साहित्य लोगों को उचित मूल्यों पर उपलब्ध करवाना है; साथ ही, पुस्तक सूची का प्रकाशन करना, पुस्तक मेलों/प्रदर्शनियों तथा संगोष्ठियों की व्यवस्था करना और लोगों में पुस्तक पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना है। पिछले पाँच दशकों से पुस्तकों के प्रोनन्यन एवं पुस्तक पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए एनबीटी देश भर में पुस्तक मेलों तथा प्रदर्शनियों का आयोजन कर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देश में पुस्तकों के प्रोन्नयन हेतु एनबीटी एक केंद्रीय अभिकरण के रूप में कार्य कर रहा है। प्रतिवर्ष प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेकर भारत की ओर से पुस्तकों का प्रदर्शन कर भारत का प्रतिनिधित्व करता है। यह न्यास सचल पुस्तक प्रदर्शनियों तथा अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन बिक्री के माध्यम से जन-जन के दरवाजे तक पुस्तकें उपलब्ध करवाता है। देशभर में इसके 80 हजार से अधिक पुस्तक क्लब के सदस्य नामांकित हैं। यह न्यास लेखकों तथा प्रकाशकों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।